बुंदेली गीतगोविन्द बाबूलाल द्विवेदी संकलन डॉ राकेश नारायण द्विवेदी

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ekda shabdaranye

करके अपना कर्तव्य रहो संतोषी फिर सफल हो कि तुम विफल, न होगे दोषी।

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